“बकरीद पर बलि का विरोध: धीरेंद्र शास्त्री ने किया अहिंसा अपनाने का आह्वान”
आपको बता दें कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान के बाद मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉक्टर एस.टी. हसन ने अपनी जोरदार प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि हर कोई योगी आदित्यनाथ नहीं बन सकता। लोग मुसलमान भाइयों को निशाना बनाकर न्यूज़ की हेडलाइनों में रहना चाहते हैं। ऊँचे पद और प्रतिष्ठा की चाह रखते हैं। हम अपनी सबसे अच्छी चीज को अल्लाह के नाम पर कुर्बान करना चाहते हैं क्योंकि अल्लाह ही उन जीवों का रचनाकार और पालनकर्ता होता है। आगे हसन ने कहा है कि बलि केवल इस्लाम धर्म में ही नहीं होती, बल्कि हिंदू घरों में भी होती है। फिर मुसलमान भाइयों को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है?
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पूर्व सांसद एस.टी. हसन ने धीरेंद्र शास्त्री के बयान के बहाने योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि हर कोई योगी आदित्यनाथ नहीं बन सकता। धीरेंद्र शास्त्री लोगों को उकसा रहे हैं और देश में नफरत का प्रसाद बाँट रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री के बयान से देश में नफरत और डर बढ़ता जा रहा है। हमें धार्मिक लोगों का सम्मान जरूर करना चाहिए, लेकिन जो लोग दूसरों के मज़हब को गलत कहें, उनका कोई सम्मान नहीं होना चाहिए।

क्या कुछ कहा धीरेंद्र शास्त्री ने चले जानते हैं
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह स्वीकार किया है कि पहले सनातन धर्म में भी बलि की प्रथा थी, लेकिन अब समय के साथ परिवर्तन ज़रूरी है। हम सब एक सुरक्षित समाज में रहते हैं। अब लोग काफ़ी हद तक सुशिक्षित हो चुके हैं। अब हमें हिंसा का मार्ग छोड़कर अहिंसा का मार्ग अपनाना चाहिए। ‘अहिंसा परमो धर्मः’ को जीवन में उतारना चाहिए और मैं हिंसा का सख्त विरोधी हूँ।
आपको बता दें कि शास्त्री ने बकरीद की बलि की प्रथा का विरोध करते हुए जीव हिंसा को निंदनीय बताया है। शास्त्री ने कहा है कि वह किसी प्रकार की बलि प्रथा को स्वीकार नहीं करते हैं और न ही इस पूजा-पाठ को मानते हैं। उनका कहना था कि हम बकरीद के भी पक्ष में नहीं हैं। हमें किसी को जीवन देने का अधिकार नहीं है, तो मारने का भी नहीं। जब हम किसी को जीवन दे नहीं सकते, तो उसको लेने का हमें कोई अधिकार नहीं होता है।
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सनातन धर्म गुरु धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान को लेकर देश में काफी बहस छिड़ गई है। उनके इन तीखी टिप्पणियों को कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग देश में अलगाव की नीति का हवाला दे रहे हैं। लोगों की बात करें तो इस मुद्दे को लेकर लोग अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं जाहिर कर रहे हैं। इस टिप्पणी को लेकर एक बार फिर जीव हिंसा और बलि प्रथा पर देश में चर्चाएं हो रही हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि लोगों को हिंसा छोड़कर सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए और यही मानव का कर्तव्य है।
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