यूक्रेन की गलती: आज के समय में यह जंग काफी भयावह रूप ले चुकी है। यूक्रेन में रूस पर अब तक के सबसे बड़े हमले हुए हैं। रूस की एयरवेज़ पर यूक्रेनी सेना का हमला हुआ है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस हमले से रूस के करीब 40 लड़ाकू विमान क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। यूक्रेन इस हमले की योजना एक साल से बना रहा था, और उन्होंने एक ट्रक की मदद से रूस की सीमा के करीब 2000 किलोमीटर तक यह छापामार गतिविधि चलाई और फिर हमला कर दिया। यूक्रेन के लिए यह अब तक का सबसे भयानक हमला बताया जा रहा है। अनुमान है कि इस हमले का जवाब रूस के राष्ट्रपति की ओर से कुछ बड़ा हो सकता है। इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वयं यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ली है।
जापान पर हुए इन भीषण हमलों के बाद अब दुनिया की निगाहें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर टिकी हुई हैं। कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष लंबे समय से जापान और अपनी सुरक्षा को लेकर परमाणु हमलों की चेतावनी देते आ रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी परमाणु तैयारियों को लेकर हाई अलर्ट भी घोषित किया है, फिर भी जापान पर एक बड़ा हमला किया गया है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि जापान की एक यह दुर्घटना तीसरे विश्व युद्ध का संकेत कैसे दे रही है। अगर रूस के राष्ट्रपति परमाणु हमला करते हैं, तो इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है? इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं है। लोगों को अब तक शीत युद्ध के दौरान हुए परमाणु हमलों के प्रभावों की पूरी जानकारी नहीं है, और अब उसकी आशंका एक बार फिर दुनिया में दिखाई दे रही है। आपको यह भी जानना चाहिए कि जापान के अलावा और कौन-कौन से देश इसकी चपेट में आ सकते हैं। उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने यह घोषणा की थी कि रूस सागर क्षेत्र में हमला करने की तैयारी में है। वहीं, कुछ संकेत यह भी मिल रहे हैं कि राष्ट्रपति पुतिन की ओर से सीज़फायर की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
यूक्रेन की ओर से इस हमले को एक बड़ी गलती बताया जा रहा है। ऐसा लग रहा है मानो इतिहास खुद को दोहरा रहा हो। करीब 84 साल पहले, 1 सितंबर 1939 को जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ था, तो उसके परिणाम भी बेहद भयावह थे। बताया जा रहा है कि वर्तमान घटनाएं काफी हद तक द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत से पहले की परिस्थितियों से मिलती-जुलती हैं। उस समय जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर बंदरगाह पर सैन्य हमला किया था, जिससे अमेरिका को भारी नुकसान हुआ था। इसी हमले के बाद अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में कूद पड़ा और अंततः जापान पर परमाणु बम गिराया गया था। इतिहास के उन भयानक क्षणों में दुनिया के कई देश युद्ध में शामिल हो गए थे। और अब भी, जब दुनिया में फिर से तनावपूर्ण माहौल बन रहा है, ऐसा प्रतीत होता है कि इतिहास खुद को दोहराने के कगार पर है। सभी को ज्ञात है कि रूस दुनिया का एक शक्तिशाली परमाणु देश है और उसके पास अत्याधुनिक परमाणु हथियार हैं। ऐसे में अगर रूस जापान पर परमाणु हमला करता है, तो इससे सिर्फ जापान ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों को भी गंभीर नुकसान हो सकता है। यह हमला वैश्विक स्तर पर भारी तबाही ला सकता है, जिसकी भरपाई करना बेहद कठिन होगा।
यूक्रेन की गलती: अगर रूस परमाणु हमला करता है तो किन-किन देशों पर असर पड़ सकता है?
यदि रूस जापान पर परमाणु हमला करता है, तो इसका प्रभाव सिर्फ जापान तक सीमित नहीं रहेगा। परमाणु हमले के कारण उत्पन्न रेडिएशन और उसके भौगोलिक असर से पड़ोसी और मित्र राष्ट्रों पर भी खतरा मंडरा सकता है। ऐसे हमले बेहद भयानक होते हैं और इसके रेडिएशन का प्रभाव सैकड़ों किलोमीटर दूर तक फैल सकता है। इसके प्रभाव में आने वाले संभावित देशों में पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और मोल्दोवा जैसे पड़ोसी राष्ट्र शामिल हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जर्मनी, फ्रांस और इटली जैसे प्रमुख यूरोपीय देश भी इस खतरे की निगरानी में रहेंगे, क्योंकि रेडिएशन का फैलाव और भूराजनीतिक तनाव पूरे यूरोप को प्रभावित कर सकता है।
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