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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर ब्रिटेन के राजा को सताई कनाडा की चिंता चलिए जानते हैं क्या कहा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर कब्ज़े की धमकी दी है। इसी के जवाब में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने किंग चार्ल्स को संसद में ‘स्पीच फ्रॉम द थ्रोन’ देने के लिए आमंत्रित किया। ब्रिटेन के सम्राट किंग चार्ल्स तृतीय ने मंगलवार को कनाडा की संसद का उद्घाटन करते हुए कहा कि दुनिया पहले से कहीं ज़्यादा खतरनाक हो गई है, और कनाडा आज ऐसे संकटों का सामना कर रहा है जो पहले कभी नहीं हुए और ना ही देखे गए। उन्होंने यह भी कहा कि इस संकट का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बनते जा रहे हैं।

क्या और क्यों है अमेरिक राष्ट्रपति ट्रंप का विवाद?

डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार संकेत दिया है कि अमेरिका को कनाडा को अपने में मिला लेना चाहिए। साफ़-साफ़ शब्दों में कहें तो अमेरिका कनाडा को अपने साथ मिलाना चाहता है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि किंग चार्ल्स की यह यात्रा कनाडा की स्वतंत्र पहचान और अमेरिका से उसके अंतर को दिखाने के लिए महत्वपूर्ण है। कार्नी ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वे ट्रंप की आक्रामकता का डटकर सामना करेंगे और कनाडा के पारंपरिक साझेदारों — ब्रिटेन और फ्रांस — के साथ संबंधों को मज़बूत करेंगे। आने वाले समय में देखना होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है।

कनाडा की आर्थिक चिंता बढ़ता जाए इसी बात है

कनाडा अपनी 75% से अधिक निर्यात वस्तुएं अमेरिका को भेजता है, इसलिए प्रधानमंत्री कार्नी अब व्यापार में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। किंग चार्ल्स ने भी कहा कि कनाडा को नई अंतरराष्ट्रीय साझेदारियाँ बनानी चाहिए और किसी एक राष्ट्र पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।

70 साल बाद दुर्लभ मौका

कनाडा में किसी सम्राट द्वारा संसद का उद्घाटन करना एक दुर्लभ घटना है। किंग चार्ल्स की मां, रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने यह कार्य केवल दो बार किया था। किंग चार्ल्स ने बताया कि यह उनकी कनाडा की 20वीं यात्रा है। उन्होंने कहा कि कनाडा ने अपना संविधान स्वयं बनाया, ब्रिटेन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त की और एक बहुभाषी, विविधतापूर्ण राष्ट्र बन गया है।

कनाडा और ट्रंप के बीच के तनाव

कनाडा और ट्रंप के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, अपने भाषण में किंग चार्ल्स ने कहा, ‘हम एक बदलती हुई दुनिया में रह रहे हैं, जो पहले से कहीं अधिक अस्थिर हो चुकी है। कई कनाडाई नागरिक चिंतित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कनाडा वास्तव में एक मजबूत और स्वतंत्र देश है। साथ ही उन्होंने कनाडा की संप्रभुता को दोहराया और देश की बहुसांस्कृतिक पहचान की सराहना की|

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