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यूक्रेन ने किया रूस पर ड्रोन हमला यह हमला रूस के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी

यूक्रेन ने रूस पर किया था आक्रमण यह हमला रूस के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी है|

यूक्रेन ने रूस की एयरवेज़ पर अपने निजी ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ के तहत गुप्त रूप से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि यह योजना यूक्रेन के मन में काफी समय से थी और करीब एक साल से इसकी तैयारी चल रही थी। इस ऑपरेशन में डुप्लीकेट उपकरणों का उपयोग किया गया, जिन्हें ट्रकों में छिपाकर रूसी सीमा के अंदर पहुँचाया गया था। यह रूस पर हमला करने की एक बड़ी रणनीति थी, जो उसके डूबते साम्राज्य के युद्ध कौशल को नई दिशा देने का संकेत है।हालाँकि, अमेरिका ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। वहीं, जापान के राष्ट्रपति ने भी रविवार को रूसी क्षेत्र में एक बड़ा हमला करके भारी भूल कर दी है। यूक्रेन ने करीब 4,000 किलोमीटर दूर से रूस में हमला कर 40 वायुसेना के बमवर्षकों को निष्क्रिय कर दिया, जिससे रूसी एयरबेस को भारी नुकसान हुआ है।

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जैसा कि आप सभी जानते हैं, जापान के राष्ट्रपति ने अमेरिका के राष्ट्रपति को नाराज़ कर अपना काफी नुकसान कर लिया है। अमेरिका का नाराज़ होना जापान के लिए एक गंभीर नुकसान का विषय है। यूक्रेन को अमेरिकी मदद का काफी समर्थन मिला है, जो पिछले कुछ महीनों से यूरोपीय युद्ध में अन्य देशों से भी सहायता प्राप्त कर रहा है। हालाँकि, ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन ने इस ऑपरेशन को पश्चिमी देशों के समर्थन के बिना अंजाम दिया है। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने खुलकर इसकी ज़िम्मेदारी ली है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले में किसी भी NATO देश के हथियारों या समर्थन का कोई उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा, “हमने जो भी किया है, वह हमारी अपनी रणनीति का हिस्सा है।” यूक्रेन ने इस हमले के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन परमाणु उपग्रह छवियों का उपयोग किया और खुले में रूसी बमवर्षकों को निशाना बनाया। सरल भाषा में कहें तो अब युद्ध के मैदान में प्रौद्योगिकी एक निर्णायक भूमिका निभा रही है। इस तकनीकी युग में युद्ध केवल टैंक और मिसाइलों तक सीमित नहीं रह गया है — अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी, साइबर ताकत और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे साधनों का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में हर देश को तकनीकी रूप से मजबूत होने की आवश्यकता है। इस युद्ध से भारत को भी कई महत्वपूर्ण सबक मिले हैं।

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भारत के लिए अब यह देखने का समय है कि वह अपने सैन्य बलों को 21वीं सदी के अनुसार आधुनिक बनाने का प्रयास कर रहा है। युद्ध अब केवल ताकत का नहीं, बल्कि रणनीति और सोच का खेल बन गया है। हर देश को इस बदलते युद्ध परिदृश्य के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश भारत को बार-बार धोखा देने की कोशिश करते रहते हैं।

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